अदालत ने आरोप तय करने के लिए १९ अप्रैल के लिए सुनवाई की अगली तारीख तय की गई है।
गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से दायर एक आपराधिक मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ५ अन्य आम आदमी पार्टी के नेताओं को जमानत दे दी।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास ने यह राहत केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं आशुतोष, संजय सिंह, कुमार विश्वास, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी को २०००० रुपये के निजी बोन्ड और इसके सममुल्य के जमानतदार पर दी है।
केजरीवाल और अन्य आरोपियों ९ मार्च को उनके खिलाफ जारी समन के अनुसरण में अदालत में पेश हुये थे। अदालत ने अब इस मामले में आगे तर्क के लिए १९ मई की तारिक तय की है।
सुनवाई से पहले, दोनों नेताओं के समर्थक अदालत परिसर के बाहर भिड़ गए। भाजपा समर्थकों ने "भारत माता की जय" का नारा लगाया।
अदालत ने कहा था कि उनके द्वारा जो आरोप जेतली पर लगाये गये हैं, वे न केवल अपमान बल्कि जलन, ताना मारने वाले और उतेजक थे। अदालत ने सभी ६ आरोपियों को धारा ५०० (मानहानि) के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा ३४ (आम इरादे) के तहत तलब किया था।
जेटली ने एक आपराधिक मानहानि शिकायत दायर करते हुये यह आरोप लगाया कि केजरीवाल और इन पांच आप नेताओं ने कथित तौर पर दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के विवाद में उसे बदनाम किया है।
अदालत ने आरोपियों को समन, बयानों और आरोपियों की फेसबुक और ट्विटर के संदेशो लिए भेजा था, और कहा कि "समाज के बीच शिकायतकर्ता (जेटली) उपहास, घृणा और तिरस्कार के पात्र हो गये हैं और उसकी प्रतिष्ठा को कम हो गई है।"
अदालत ने कहा कि जेटली, गवाहों की गवाही के माध्यम से, जब वह डीडीसीए के अध्यक्ष थे, "तब खाते विधिवत लेखा परीक्षित थे तथा वार्षिक सामान्य बैठक ने मंजूरी दे दी" और कराधान अधिकारियों के साथ प्रस्तुत किया गया है।
अपनी शिकायत में जेटली ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल और अन्य लोगों के अपमानसूचक बयान है कि वह और उसके परिवार मेसर्स २१ वीं सेंचुरी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, एक खेल प्रबंधन फर्म के साथ मिल कर आर्थिक लाभ उठाया है।
५ जनवरी को, जेटली अदालत में पेश किया और कहा कि केजरीवाल और पांच आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बनाया था "झूठे और मानहानिकारक" बयान दिया था। उन्होंने आरोप खारिज कर दिया था कि वह अपने स्वयं के लाभ के लिए डीडीसीए से पैसा बाजार में बेच देते किया था
५ जनवरी को जेटली अदालत में पेश हुये और कहा कि केजरीवाल और पांच आम आदमी पार्टी के नेताओं ने "झूठे और मानहानिकारक" बयान दिया था। उन्होंने आरोप खारिज कर दिया था कि वह अपने स्वयं के लाभ के लिए डीडीसीए का पैसा बेइमानी से निकाला है।
अपने बयान को दर्ज के दौरान जेटली ने कहा था कि उसे और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ उनके बयान बड़े पैमाने पर जनता की आँखों में उसकी गरिमा को कम कर दिया है।
जेटली, जो दिसंबर १९९९ से दिसंबर २०१३ तक डीडीसीए अध्यक्ष थे, ने कहा कि केजरीवाल का बयान झूठा था कि वह जब फिरोजशाह कोटला स्टेडियम डीडीसीए प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान निर्माण कराये थे, तब उन्हें पैसा मिला था। निदेशक मंडल ने काम की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया था और वह इस पर्यवेक्षी समिति का सदस्य नहीं था।
जेटली ने २१ दिसंबर को २०१५ को उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था और उसके लिए अभियोजन पक्ष की मांग की थी। अपराध सिद्ध होने पर दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
(Author: Ramesh Kumar Jajoo
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Source: News reports
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